भारत सरकार के चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोग्राम: भविष्य की नींव मजबूत करने की पहल
भारत में बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। ये चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोग्राम बच्चों को बेहतर पोषण, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं।
इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य है कि हर बच्चा स्वस्थ, शिक्षित और सुरक्षित माहौल में बड़ा हो सके।
🎯 प्रमुख चाइल्ड डेवलपमेंट योजनाएं:
1. आंगनवाड़ी सेवाएं (ICDS – Integrated Child Development Services)
- 0–6 वर्ष के बच्चों के लिए पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं
- आंगनवाड़ी केंद्रों से टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और पूरक पोषण
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सहायता
2. राष्ट्रीय पोषण मिशन (Poshan Abhiyaan)
- कुपोषण को खत्म करने के लिए देशव्यापी अभियान
- स्मार्टफोन ऐप्स और डेटा मॉनिटरिंग से सेवाओं की निगरानी
- समुदाय आधारित गतिविधियों द्वारा जागरूकता बढ़ाई जाती है
3. बाल शिक्षा योजना
- प्रारंभिक बाल शिक्षा के लिए आंगनवाड़ी में पूर्व-स्कूली शिक्षा
- समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकार का सहयोग
- NEP 2020 के अनुसार ECCE (Early Childhood Care and Education) को मजबूत किया जा रहा है
4. बाल सुरक्षा सेवाएं
- बाल विवाह, बाल श्रम, तस्करी जैसी समस्याओं से बच्चों को सुरक्षा
- चाइल्डलाइन 1098 – संकट में बच्चों के लिए 24×7 हेल्पलाइन
- किशोर न्याय अधिनियम के तहत संरक्षण योजनाएं
5. सक्षम बालिका योजना और किशोरी शक्ति योजना
- किशोर लड़कियों के लिए पोषण, शिक्षा और आत्मनिर्भरता का विकास
- स्वास्थ्य जांच, काउंसलिंग, स्किल ट्रेनिंग जैसी सेवाएं
✅ ये योजनाएं क्यों जरूरी हैं?
- भारत की जनसंख्या का बड़ा हिस्सा बच्चे हैं
- एक स्वस्थ और शिक्षित बच्चा ही देश का भविष्य है
- गरीबी, भुखमरी और अशिक्षा को रोकने की शुरुआत बचपन से ही होती है
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- जननी सुरक्षा योजना 2025
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