दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी की शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी सरकारी स्कूलों में साइंस लैब को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाए, बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाए, और शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “दिल्ली के हर बच्चे को विश्वस्तरीय शिक्षा मिलनी चाहिए और सरकार इसके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।” उनका मानना है कि शिक्षा केवल एक विभाग नहीं, बल्कि देश के भविष्य की नींव है।
बैठक में उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे उन स्कूलों की पहचान करें, जहां ढांचागत सुविधाओं की कमी है और तत्काल आवश्यक सुधार किए जाएं। साथ ही रिक्त पदों पर योग्य शिक्षकों की भर्ती जल्द से जल्द पूरी करने के निर्देश भी दिए गए।
कोविड-19 महामारी के बाद छात्रों की शिक्षा में आई गिरावट और संसाधनों की कमी को ध्यान में रखते हुए यह कदम बेहद अहम माना जा रहा है। सरकार का फोकस केवल भौतिक संसाधनों पर नहीं, बल्कि शिक्षकों के प्रशिक्षण और छात्रों के समग्र विकास पर भी है।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि शिक्षा विभाग हर महीने प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करे और यदि जरूरत हो तो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक सलाहकारों से भी सहयोग लिया जाए, ताकि दिल्ली के स्कूलों को वैश्विक मानकों पर लाया जा सके।
“शिक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा। यह हमारे बच्चों का अधिकार है और सरकार इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है,” – मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
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