भारतीय रेलवे ने 1 जुलाई 2025 से Tatkal टिकट बुकिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है। अब यात्री बिना आधार ऑथेंटिकेशन के तत्काल टिकट बुक नहीं कर पाएंगे। यह नियम लागू होते ही यात्रियों में हलचल मच गई है, और इसका असर बिहार जैसे व्यस्त रूटों पर भी साफ दिख रहा है—जहां आमतौर पर तत्काल टिकट मिलना नामुमकिन होता था, अब वहां सीटें खाली दिख रही हैं।
रेलवे का यह कदम फर्जी बुकिंग और एजेंट माफिया पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है। नए नियम के मुताबिक:
🔍 क्या है नया Tatkal Ticket नियम?
- ✅ तत्काल टिकट बुकिंग के समय आधार आधारित ऑथेंटिकेशन अनिवार्य
- ✅ केवल वही यात्री टिकट बुक कर सकते हैं जिनका आधार नंबर IRCTC प्रोफाइल में लिंक हो
- ✅ बायोमेट्रिक या OTP आधारित सत्यापन ज़रूरी
- ✅ एजेंट के माध्यम से बुकिंग की प्रक्रिया और अधिक सख्त की गई है
🚉 इस बदलाव का असर यात्रियों पर
बिना आधार के तत्काल टिकट बुक करने वालों के लिए यह एक बड़ी बाधा बन गई है। हालांकि इससे उन यात्रियों को राहत मिली है जो ईमानदारी से टिकट बुक करते हैं।
इस बदलाव के बाद देखा गया कि बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से चलने वाली ट्रेनों में भी तत्काल कोटे में सीटें खाली मिल रही हैं, जो पहले कुछ ही मिनटों में फुल हो जाती थीं।
📢 रेलवे का उद्देश्य
रेल मंत्रालय के अनुसार, यह बदलाव यात्रियों को पारदर्शी, सुरक्षित और निष्पक्ष टिकट बुकिंग अनुभव देने के लिए किया गया है। इसके ज़रिए दलालों और फर्जी आईडी से टिकट बुक करने वालों को रोकने की कोशिश की गई है।
🔗 महत्वपूर्ण आंतरिक लिंक:
🌐 बाहरी लिंक:
रेलवे नियमों की विस्तृत जानकारी देखें YouTube पर
📣 सोशल मीडिया पर साझा करें:
🔗 Facebook | X (Twitter) | LinkedIn | Pinterest | Quora