Working Women Hostel Scheme:आज के दौर में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं – शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासन, विज्ञान, व्यापार और सेवाक्षेत्र में उनकी भूमिका लगातार सशक्त हो रही है। लेकिन जैसे-जैसे महिलाएं अपने घरों से दूर जाकर काम करने लगती हैं, उनके लिए सुरक्षित और किफायती आवास एक बड़ी आवश्यकता बन जाती है। इसी जरूरत को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई है – कामकाजी महिला हॉस्टल योजना (Working Women Hostel Scheme)।
उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित, सस्ती और सुविधाजनक हॉस्टल/आवास सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकें और अपने करियर को बिना सामाजिक या भौगोलिक बाधाओं के आगे बढ़ा सकें।
योजना की शुरुआत कब हुई?
कामकाजी महिला हॉस्टल योजना की शुरुआत भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) द्वारा 1972-73 में की गई थी, और समय-समय पर इसमें संशोधन व विस्तार किए गए हैं। वर्तमान में यह योजना 2025 तक जारी है, और इसमें कई स्मार्ट सुविधाएं भी जोड़ी गई हैं।
कौन कर सकता है आवेदन?
✅ पात्रता (Eligibility):
- महिलाएं जो किसी नौकरी, व्यवसाय या स्वरोजगार में संलग्न हैं।
- आयु सीमा: 18 से 45 वर्ष तक।
- महिला का मासिक वेतन ₹50,000 से कम होना चाहिए (स्थान के आधार पर सीमा में अंतर हो सकता है)।
- वे महिलाएं जिनका स्थायी निवास हॉस्टल वाले शहर में नहीं है।
- विधवा, तलाकशुदा, प्रशिक्षण ले रही महिलाएं और वर्किंग सिंगल मदर्स को प्राथमिकता दी जाती है।
योजना के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाएं:
| सुविधा | विवरण | 
|---|---|
| 🛏️ आवास | सुरक्षित व सुसज्जित कमरे (सिंगल/डबल/डॉर्मिटरी) | 
| 🔒 सुरक्षा | 24×7 सुरक्षा व्यवस्था, CCTV निगरानी | 
| 🍴 भोजन | मेस/किचन की सुविधा (कुछ जगहों पर भोजन शुल्क अतिरिक्त) | 
| 💻 सुविधाएं | वाई-फाई, स्टडी एरिया, कॉमन रूम | 
| 🧼 अन्य | बिजली, पानी, हाउसकीपिंग, चिकित्सा आपातकाल सहायता | 
💰 सब्सिडी और खर्च
- केंद्र सरकार परियोजना लागत का 60% से 75% तक अनुदान (subsidy) देती है।
- शेष राशि संस्था/राज्य सरकार/NGO द्वारा वहन की जाती है।
- मासिक शुल्क (Monthly Rent): ₹1500 से ₹6000 के बीच हो सकता है (शहर और सुविधाओं पर निर्भर करता है)।
📍 देश में कहां-कहां हैं ऐसे हॉस्टल?
अब तक सरकार द्वारा 1000+ हॉस्टल्स को मंजूरी दी जा चुकी है। ये हॉस्टल मुख्यतः निम्न शहरों में हैं:
- दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता
- लखनऊ, भोपाल, पटना, जयपुर, अहमदाबाद, हैदराबाद आदि।
राज्य सरकारें और NGOs मिलकर इन हॉस्टल्स का संचालन करती हैं।
📝 आवेदन प्रक्रिया
1️⃣ ऑफलाइन आवेदन:
- संबंधित शहर के महिला एवं बाल विकास कार्यालय में जाकर फॉर्म प्राप्त करें।
- आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें और फॉर्म जमा करें।
2️⃣ ऑनलाइन आवेदन (जहां उपलब्ध):
- संबंधित राज्य की महिला एवं बाल विकास वेबसाइट पर जाएं।
- फॉर्म डाउनलोड या ऑनलाइन भरें।
- WCD पोर्टल या संबंधित राज्य पोर्टल पर जानकारी प्राप्त करें।
📄 आवश्यक दस्तावेज़:
- पहचान पत्र (आधार कार्ड/पैन कार्ड)
- निवास प्रमाण पत्र
- नौकरी का प्रमाण (Appointment letter या ID कार्ड)
- वेतन पर्ची
- पासपोर्ट साइज फोटो
- विशेष स्थिति में – तलाक प्रमाण पत्र / विधवा प्रमाण पत्र
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🧾 2025 में योजना में क्या नया है?
डिजिटल मोनिटरिंग सिस्टम – हॉस्टल्स की निगरानी के लिए ऐप आधारित निगरानी तंत्र लागू किया गया है।
सेफ्टी ऑडिट्स – समय-समय पर महिला सुरक्षा ऑडिट अनिवार्य किया गया है।
मदर-चाइल्ड यूनिट्स – एकल माताओं के लिए अलग रहने की व्यवस्था।
ट्रांसजेंडर महिलाओं को भी कुछ स्थानों पर शामिल करने की योजना प्रस्तावित है।
📢 निष्कर्ष
कामकाजी महिला हॉस्टल योजना एक सशक्त पहल है, जो न केवल महिलाओं को सुरक्षा और सुविधा प्रदान करती है, बल्कि उन्हें समाज में आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने की राह भी दिखाती है। जैसे-जैसे महिलाएं छोटे शहरों से बड़े शहरों की ओर जा रही हैं, यह योजना उनके सपनों को उड़ान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
📞 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय – https://wcd.nic.in
- हेल्पलाइन नंबर: 181 (महिला हेल्पलाइन)
- राज्य स्तरीय WCD कार्यालय / जिला कलेक्टर ऑफिस



